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प्रधानमंत्री ने मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का किया शुभारंभ

Toshi Shah
Toshi Shah Oct 20 2022 - 2 min read
प्रधानमंत्री ने मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का किया शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा इंटरनेट के पहले जी से लेकर 4जी तक सेवाओं का उपयोग लोगों ने किया है। वहीं 5जी बड़ा बदलाव लाने वाला है। आज 5जी, स्मार्ट सुविधाएं, स्मार्ट क्लासरूम, स्मार्ट टीचिंग से आगे बढ़कर हमारी शिक्षा व्यवस्था को अगले लेवल पर ले जाएगा।

गुजरात के गांधीनगर के अडालज में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा आज गुजरात अमृत काल की अमृत पीढ़ी की तरफ बढ़ रहा है। विकसित भारत के लिए, विकसित गुजरात के निर्माण की तरफ यह एक बड़ा कदम साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के शुभारंभ पर मैं सभी गुजरात वासियों को, सभी अध्यापकों और सभी युवाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

उन्होंने आगे कहा इंटरनेट के पहले जी से लेकर 4जी तक सेवाओं का उपयोग लोगों ने किया है। वहीं 5जी बड़ा बदलाव लाने वाला है। आज 5जी, स्मार्ट सुविधाएं, स्मार्ट क्लासरूम, स्मार्ट टीचिंग से आगे बढ़कर हमारी शिक्षा व्यवस्था को अगले लेवल पर ले जाएगा। अब वर्चुअल रियलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स की ताकत को भी स्कूलों में अनुभव किया जा सकेगा।

पिछले दो दशकों में गुजरात के लोगों ने अपने राज्य शिक्षा का सुधार कर दिखा दिया है। इन दो दशकों में गुजरात में सवा लाख के अधिक क्लासरूम बने है, दो लाख से अधिक शिक्षक भर्ती किए की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा गुजरात के सीएम रहते हुए मैंने गांव-गांव जाकर सभी लोगों से विनती की थी कि वे अपनी बेटियों को स्कूल भेजे। परिणाम यह हुआ कि आज यहां के सारे घर के बेटा-बेटी स्कूल जाने लगे है और यही नहीं स्कूल पूरा होने के बाद कॉलेज भी जा रहें है।

गुजरात में शिक्षा के क्षेत्र में, हमेशा ही कुछ नया, कुछ अनोखा और बड़ा प्रयोग किया हैं। मोदी ने शुरुआती शिक्षा वृद्धि के बारे में बात करते हुए कहा टीचर ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी, इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन की स्थापना हमारे सरकार द्वारा की गई थी।  मोदी ने खालने जाने वाले साढ़े 14 हजार स्कूल के बारे में भी बताया जो 'पीएम श्री' के नाम से जाने जाएगे। यह स्कूल पूरे देश में एक मॉडल की तरह होगा, जिसमें नई नेशनल राष्ट्रीय शिक्षा नीति पढ़ाई जाएगी।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए कहा यह नीति गुलामी की मानसिकता को देश से बाहर निकालकर, टैलेंट को, इनोवेशन को निखारने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा बच्चों के पास भारतीय भाषाओं में भी साइंस की पढ़ाई, टेक्नोलॉजी की पढ़ाई, मेडिकल की पढ़ाई का विकल्प होगा। गुजराती सहित अनेक भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम बनाने के लिए प्रयास चल रहे हैं।

 

 

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