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आयुषी गुदवानी ने ऐसे कारक बताए जो फैशन इंडस्ट्री का करते है विकास

Nibedita Mohanta
Nibedita Mohanta Mar 08 2019 - 3 min read
आयुषी गुदवानी ने ऐसे कारक बताए जो फैशन इंडस्ट्री का करते है विकास
फैशन इंडस्ट्री लगातार बहुत से ऐसे कारकों को देख कर रही है जो फैशन व्यवसाय मॉडल को बदलने के लिए उकसाने का कार्य कर रहे हैं।

फैबलस्ट्रीट की सीईओ आयुषी गुदवानी ने कुछ ऐसे कारणों पर प्रकाश डाला है जो सदाबहार फैशन इंडस्ट्री को प्रभावित कर रहे हैं।

वैश्विक अंतः संबंध:

सभी फैशन वर्टिकल में अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड के प्रवेश करने से हमारे परिधान की क्वालिटी के प्रति दृष्टिकोण बदल गया है और इसमें हम निवेश करना पसंद करते हैं। फास्ट फैशन अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड ट्रेंड का निर्माण करने में ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और रनअवे फैशन को ग्राहकों को सही कीमतों पर उपलब्ध करा रहे हैं। इसने भारतीय फैशन इंडस्ट्री पर भी बहुत प्रभाव डाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी बाजार में ग्लोबल ट्रेंड के साथ तालमेल बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

हालांकि अब बहुत से आला ब्रांड उच्च क्वालिटी के प्रोडक्ट्स के साथ कीमतों को ध्यान में रखते हुए बाजार में आ रहे हैं। इसके पीछे अंतर्राष्ट्रीय क्वालिटी मापदंडों और स्टाइलों को पेश करने और उन्हें बनाए रखने का विचार है।

किफायती लग्जरी, पैसे खर्च करने के योग्य:

फैशन ग्राहक अब अलग दिखने के लिए बहुत अधिक महंगे प्रोडक्ट की तलाश नहीं कर रहे हैं बल्कि वे कम कीमत या फिर दुबारा इस्तेमाल के प्रति जागरूक हो रहे हैं ताकि अधिक से अधिक पैसे वे अपने बैंक में बचा सकें। अधिकतर ग्राहक बहुउपयोगी चीजों को प्राथमिकता दे रहे हैं जो ज्यादा समय तक रहे और जिसे अन्य बहुत से तरीकों से जोड़कर अन्य कपड़ों के साथ पहना जा सके।

ऑनलाइन रिटेल और डाटा का उपयोग:

डिजिटलाइजेशन ने फैशन रिटेल चैनल को पिछले कुछ सालों से बहुत अधिक सहयोग दिया है। ब्रांड उत्साहपूवर्क इस मंच का प्रयोग ग्राहक के अनुभव को योजनानुसार बनाने के लिए कर रहे हैं। अपनी पहुंच को अपने लक्षित ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए ये सोशल मीडिया का मंच जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम का प्रयोग कर रहे हैं। फैशन की दुनिया में अपने अपेक्षित क्षमता को प्राप्त करने के लिए मजबूत डिजिटल उपस्थिति अत्यावश्यक हो गई है।

वास्तविक समय का विश्लेषण और ग्राहक की प्रतिक्रिया इसका सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव है। इसका अर्थ यह है कि ब्रांड को इस बात की जानकारी है कि वे क्या बेच रहे हैं, उनके ग्राहकों की प्राथमिकताएं, साइज आदि क्या हैं। यह उन्हें अपनी सप्लाई चेन में सुधार लाने की अनुमति देता है और साथ ही ऐतिहासिक तीन चार महीनों के चक्र की बजाय यह ग्राहकों को नए और उपयुक्त प्रोडक्ट देने के लिए दो सप्ताह से कम समय लेता है।

कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट की बढ़ती लोकप्रियता, बढ़ते पैमाने पर कस्टमाइजेशन:

कस्टम मेड और पर्सनलाइज्ड वियर प्रोडक्टों की मांग बढ़ रही है। कस्टमाइजेशन को तब आधार मिला जब लग्जरी बाजार ने ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार चीजों में बदलाव लाना शुरू किया था और अब ये फैशन व्यवसाय का चलन बन गया है। अगामी ब्रांडों ने अपने ग्राहकों को जो वे प्रोडक्ट खरीदते है को पर्सनलाइज़्ड प्रोडक्ट का विकल्प भी देना शुरू कर दिया है जो उनका उनके लक्षित समूह के साथ सबंध को और मजबूत बनाने में मदद कर रहा है।

दीर्घकालिक और विख्यात ब्रांड:

दीर्घकालिक फैशन पर संवाद पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ा है। जब बात फैशन की आती है तो ज्यादा से ज्यादा ग्राहक पर्यावरण के अनुकूल निर्णय लेने के प्रति उनका झुकाव बढ़ा है। बढ़ती मांग के अवज में बहुत से फैशन ब्रांड जान बूझकर दीर्घकालिक फैशन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इन गतिविधियों में पर्यावरण अनुकूल मटिरियल, नैतिक निर्माण गतिविधि, बेकार या वेस्ट के निर्माण को कम करने का प्रयास आदि शामिल हैं।

मार्केटिंग:

एक बेहतरीन मार्केटिंग योजना अब किसी ब्रांड की सफलता के लिए बहुत जरूरी बन गई है। यह प्रक्रिया ब्रांड के मूल्य को बढ़ाने में मदद करता है और ये अपने लक्षित ग्राहक के भीतर रिकॉल के भाव का निर्माण भी करता है। यह ग्राहक की खरीदने के निर्णय को और प्रभावित करने के लिए सक्षम बनाने का कार्य करता है। एक सफल मार्केटिंग अभियान व्यवसाय के विकास और विस्तार को सुनिश्चित करता है।

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