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भारत में स्कूल खोलने के क्या है नियम

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Feb 04 2022 - 2 min read
भारत में स्कूल खोलने के क्या है नियम
नो ऑब्जेक्शन सर्टीफिकेट प्राप्त करने के लिए निर्धारित मानदंडों और विनियमों का पालन करना ज़रूरी है।

शिक्षा हर किसी के लिए जरूरी है, पेरेंट्स अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने के लिए एक अच्छे स्कूल में डालने की कोशिश करते है ताकि बच्चा पढ़ लिख कर विद्वान बन सके। आगर आप भारत में स्कूल खोलना चाहते है तो सबसे पहले आपको जानना होगा नियमों के बारे में, तो चलिए इस विषय पर चर्चा करते है।

भारत में स्कूल खोलने के बहुत सारे नियम होते है, सिर्फ अपनी बिल्डिंग होना, क्लासरूम होना, लाइब्ररी होना या किराए पर बिल्डिंग ले लेना ही स्कूल खोलने स्थापित करने के लिए काफी नहीं है। एक उद्मी को स्कूल खोलने के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की जरूरत होती है।

  1. एक उद्धमी को स्कूल खोलने के लिए या रजिस्ट्रेशन करने के लिए सोससाइटी या ट्रस्ट स्थापित करने की आवश्यकता होती है।
  2. स्कूल में कितना फंड लगेगा इसका पता उसके आकार पर निर्भर करता है।

  3. नो ऑब्जेक्शन सर्टीफिकेट प्राप्त करने के लिए निर्धारित मानदंडों और विनियमों का पालन करना ज़रूरी है।
  4. जब उद्धमी  को राज्य के शिक्षा विभाग और अन्य समबन्धित विभागों से मंजूरी प्राप्त हो जाती है। तो वह स्कूल खोलने की दिशा में अगला कदम जैसे की स्कूल का निर्माण, स्टाफ रिक्रूटमेंट आदि शुरू कर सकते है।

 

स्कूल खोलने के लिए रजिस्ट्रेशन नियम

  1. भारत में कानून के मुताबिक कोई भी निजी संगठन स्कूल नही खोल सकता है, इसलिए स्कूल किसी सोसाइटी या ट्रस्ट द्वारा संचालित किये जाते है।
  2. आगर कोई निजी संस्था भारते में स्कूल खोलना चाहती है तो कंपनी अधिनियम 1956की धारा 25 के अनुसार स्कूल को खोल सकती है। लेकिन यह स्कूल गैर लाभकारी संस्था के रूप में स्थापित होना चाहिए।
  3. कानून के आनुसार एक उद्मी को सोसाइटी या ट्रस्ट बनाना होता है जिसमें 5 से 6 सदस्य होते है। इसमें बोर्ड का अध्यक्ष या सचिव होना चाहिए

  4. एनओसी मिलने के 3 साल के अंदर आपका स्कूल भी बन जाना चाहिए।
  5. आगर आपको कक्षा 5वी तक का स्कूल खोलना है,तो आपको मान्यता प्राप्त दर्जा दिलाने के लिए नगर निगम से संपर्क करना होगा।

  6. छठी और आठवी के स्कूल को मान्यता प्राप्त दर्जा दिलाने के लिए आपको राज्य के शिक्षा विभाग से संपर्क करना पड़ता है।

  7. जब आप 2 साल तक स्कूल को चला पाता है तब आप का ट्रस्ट हाइयर सिकेंडरी कक्षा शुरू करने के लिए भी मान्यता प्राप्त कर सकता है।
  8. हर स्कूल को एफीलिएशन प्राप्त करना होता है। जब आपका स्कूल पूरी तरह से बन जाता है तो एफीलिएशन एथोरीटी द्वारा निरीक्षक भेजे जाते है, उनके मापदंड पर खरा उतरने के बाद ही स्थाई एफीलिएशन दी जाती है।
  9. हर स्कूल में अलग बोर्ड के हिसाब से पढ़ाई होती है जैसे सीआईएससीई, सीबीएसई आदि ऐसे में जिस बोर्ड के अंतर्गत स्कूल खोलना चाहते है तो आपको उन शिक्षा बोर्ड के नियमों का भी पालन करना होगा। इस तरह से आप अपने स्कूल को खोल सकते है और अच्छा लाभ कमा सकते है।
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