970*90
768
468
mobile

छोटे व्यवसाय अनिल अंबानी के गलत फैसले से क्या सीख सकते है

Nitika Ahluwalia
Nitika Ahluwalia Jun 03 2022 - 8 min read
छोटे व्यवसाय अनिल अंबानी के गलत फैसले से क्या सीख सकते है
अनिल अंबानी सबसे प्रसिद्ध भारतीय उद्यमियों में से एक हैं। वह इंजीनियर, फिल्म निर्माता और भारत में कई कंपनियों के मालिक भी हैं। अनिल अंबानी एक भारतीय व्यवसायी और रिलायंस ग्रुप के अध्यक्ष हैं, जिनकी कुल संपत्ति 40 बिलियन डॉलर है।

हर बिजनेस में उतार चढ़ाव आते है और समय कभी एक जैसा नही रहता है। कभी अच्छे दिन भी आते है और कई बार तो बुरे दिन से भी गुजरना पढ़ता है, लेकिन आप उन बुरे पलो से क्या सीख सकते है यह आपके उपर निर्भर करता है। तो चलिए हम जाने माने अरबपति अनिल अंबानी के बारे में बात करते है कि कैसे उन्होने अपने बिजनेस की शुरूआत की और उनके जीवन में किस तरह के उतार चढ़ाव आए और अब वह कैसे मुश्किलों को पार करके आगे बढ़ रहे है। इस लेख के माध्यम से आपको उनकी जीवनी सफलता की कहानी, असफलताओं और उनके अब तक के कार्यों के बारे में बताते है।

अनिल अंबानी सबसे प्रसिद्ध भारतीय उद्यमियों में से एक हैं। वह इंजीनियर, फिल्म निर्माता और भारत में कई कंपनियों के मालिक भी हैं। अनिल अंबानी एक भारतीय व्यवसायी और रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन हैं, जिनकी कुल संपत्ति 40 बिलियन डॉलर है। उन्हे लाइम लाइट में रहना, न्यूज का हिस्सा बनना, पार्टी करना, बॉलिवुट और पॉलिटिशन्स से तालूक बनाना बेहद पसंद था। लाइम लाइट में बने रहने के लिए उन्होने एडीएलएबीएस एंटरटेनमेंट लिमिटेड नाम की कंपनी खरीदकर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखा और वर्ष 2009 में इस कंपनी का नाम बदलकर रिलायंस मीडिया वर्क्स रख दिया और फिर मशहूर हॉलिवुड डायरेक्टर स्टीवन स्पीलबर्ग के साथ मिलकर एक ज्वाइंट वेंचर के जरिये कई फिल्मों का प्रोडक्शन भी किया। इस प्रोडक्शन में डेनियल डे लुईस लिंकन नाम की फिल्म बनी थी, जिसने ऑस्कर अवार्ड भी जिता था। वर्ष 2008 में जब वह रिलायंस पावर का आईपीओ लेकर आए तो फिर वह 60 सेक्ड से भी कम समये में सब्सक्राइब हो गया था और यह इंडिया कैपिटल मार्केट मे आज भी एक रिकॉर्ड है। इसके अलावा वह 2 साल के लिए राज्य सभा के एमपी भी रहे थे और उनके जिवन में सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था। आज रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड के 150 मिलियन से ज्यादा ग्राहक हैं और जनवरी 2016 से इसके स्टॉक में लगभग 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

अनिल अंबानी का जन्म 4 जून 1959 को हुआ था। वह कोकिलाबेन और धीरूभाई अंबानी के बेटे हैं। उनके पिता धीरूभाई एक बहुत प्रसिद्ध भारतीय उद्यमी थे जिन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज कंपनी की स्थापना की थी। उनका बच्चपन भारत में बीता। उन्होंने कलकत्ता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज में फिजिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। उनके पिता धीरूभाई के निधन के बाद वे अपने भाई मुकेश अंबानी की मदद से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की स्थापना से पहले पोस्ट ग्रेजुएट के लिए स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय गए। अनिल अंबानी दूसरी पीढ़ी के भारतीय बिजनेसमैन हैं, जो रिलायंस एडीए ग्रुप के प्रमुख हैं।कॉलेज के बाद अनिल अंबानी ने अपने पिता की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज में काम करना शुरू किया। अपना खुद का बिजनेस वेंचर शुरू से पहले उन्होंने लगभग दो साल तक वहां काम किया।  वर्ष 1981 में अनिल अंबानी ने रिलायंस इन्फोकॉम कंपनी की स्थापना की, जिसे बाद में रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड नाम दिया गया। वह एक ऐसी कंपनी है जो मोबाइल टेलीफोन सेवाएं, केबल ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा और वीओआइपी प्रदान करती है।

कंपनियों का बटवारा कैसे हुआ

अनिल और मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी का नाम बहुत मशहूर था। उन्होने अपने बेटों की रूची को देखकर काम सौपा था। मुकेश अंबानी बहुत सिंपल नेचर के थे और उन्हे लाइमलाइट में रहना पसंद नही था तो दूसरी तरफ अनिल अंबानी को लाइम लाइट में रहना बेहद पसंद था। इसी चीज को देखर उनके पिता ने मुकेश अंबानी को कंपनी के अंदर का काम संभालने को दिया और अनिल अंबानी को कंपनी के बाहर के मैटर को संभालने का काम सौंपा था और इस तरह से दोने भाई मिलकर अपने बिजनेस को बहुत अच्छे डंग से संभाल रहे थे। तब तक उनके परिवार मे सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था।

वर्ष 2002 में उनके पिता के निधन के बाद सब कुछ पलट गया। उन्होने जाने से पहले अपने बिजनेस अंपायर को अपने बेटों के बीच में नही बांटा जिसका नतीजा यह हुआ की पिता के निधन के कुछ समय बाद ही दोनों भाइयों मे काम को लेकर अनबन होना शुरू हो गई। कुछ समय में यह जगड़ा इतना बड गया की मां कोकिलाबेन को बीच में आकर सारा कारोबार अपने दोनों बेटों के बीच में बाठना पड़ा।

इस बठवारे में मुकेश अंबानी के पास रिलायंस इंडस्ट्री, रिलायंस पेट्रोलियम, रिलाइस इंडस्ट्री इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी पुरानी कंपनी आई क्योकि मुकेश अंबानी ने इन सभी कंपनियों को सफल बनाने में बहुत महनत की थी और वह इन कंपनियों को ज्यादा बेहतर तरीके से चलाना जानते थे। दूसरी तरफ अनिल अंबानी को रिलायंस कम्युनिकेशन, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस ब्रॉडकास्ट जैसी कंपनिया मिली जो बिलकुल नई थी। वह भी ऐसी कंपनी लेना चाहते थे जिनका फ्यूचर ब्राइट हो और आने वाले समय में आगे बड सके।

अब इस बटवारे के दौरान दोनों भाइयों के बिच यह एग्रीमेंट साइन हुआ कि दोनों में से कोई भी अगले 10 सालों तक एक दूसरे के फिल्ड में एंटर नही करेगा, यानी की बड़े भाई के पास अगर पेट्रोलियम बिजनेस है तो फिर छोटा भाई पेट्रोलियम के बिजनेस में नही जाएगा और अगर छोटे भाई के पास टेलीकॉम कंपनी है तो फिर बड़ा भाई 10 साल तक टेलीकॉम सेक्टर में कदम नही रखेगा।इस तरह से दिसंबर 2005 में अंबानी परिवार का यह बटवारा पूरा हो गया। बटवारे के बाद अनिल अंबानी तेज रफतार से आगे बड़े और उनका नाम सबसे अमीर लोगों में आने लगा और यह उनकी लाइफ का गोल्डन पीरियड था।

अनिल अंबानी का डाउन फॉल कैसे शुरू हुआ

अनिल अंबानी ने अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए अपनी हर एक कंपनी में बढ़े- बढ़े इनवेस्मेंट करने शुरू कर दिये और इसी दौरान रिलायंस कम्युनिकेशन मे लगभग 2 बिलियन डॉलर का इनवेस्टमेंट करके वह 3जी टेक्नोलॉजी को लेकर आए और इस टेक्नोलॉजी की मदद से वह टेलीकॉम इंडस्ट्री के किंग भी बन गए, जहा इस सेक्टर में उनकी कंपनी वर्ष 2006 से 2010 तक नम्बर वन मे बनी रही,बस दिक्कत यह थी उनका यह टेलीकॉम बिजनेस सीडीएमए टेक्नोलॉजी पर बेस्ड था और यह टेक्नोलॉजी 2जी और 3जी को तो सपोर्ट करती ही थी लेकिन 4जी को सपोर्ट नही करती थी। अब ऐसे में जब टेक्नोलॉजी मे बदलाव आया तो बस रिलायस दूसरी जिसीएम बेस्ड कंपनी से पिछडने लगी और बस यही से अनील अंबानी का डॉउन फॉल शुरू हुआ।

रिलायंस कम्युनिकेशन की हालत वैसे खराब चल रही थी लेकिन यह पुरी तरह से बर्बाद तभ हुई जब 2017 में मुकेश अंबानी ने जियो 4 जी के साथ इस इंडसट्री में कदम रखा दरहसल एक दूसरे के बिजनेस फिल्ड में 10 साल तक एंट्री न करने का जो एग्रीमेंट इन दोनों भाइयों के बीच में हुआ था वह पूरा हो चुका था। ऐसे में मुकेश अबानी को पूरी आजादी थी कि वो टेलीकॉम या फिर दूसरे किसी भी सेक्टर में एंट्री कर सकते थे अब यह बात तो आप भी जानते ही होंगे कि जियों की आंधी के सामने बड़ी-बडी टेलीकॉम कंपनी बर्बाद हो गई थी तो ऐसे में पहले से ही नुकसान में चल रहे रिलाइयंस कमयुनिकेशन से बच पाती और इस तरह  से जियों के सामने यह कंपनी भी बैंक करप्ट होकर हमेशा के लिए बंद हो गई इसके अलावा अनिल अंबानी को बडे भाई से दूसरा झटका यह लगा कि उन्होंने अपने गैस का प्राइस बड़ाकर ढबल कर दिया था।

असल में इन भाइयों के बीच में एक एग्रीमेंट यह भी हुआ था की मुकेश अंबानी अपने भाई अनील अंबानी को 2.34 डॉलर के भाव से गौस बेचेगे, लेकिन समय के साथ चीजे महंगी होने लगी तो फिर मुकेश अंबानी ने गेस का प्राइज बढ़ाकर 4.24 डॉलर कर दिया था जिसकी वजह से अनिल अंबानी को बहुत बड़ा नुकसान हुआ हालाकी इस मामले को कोर्ट मे भी लेकर गए लेकिन कोर्ट ने भी अपना फैसला मुकेश अंबानी के हक में सुनाया इसके अलावा अनिल अंबानी ने अपनी लाइफ में कई सारे ऐसे गलत फैसले भी लिये जिन की वजह से इन्हे हर बार नुकसान उठाना पड़ा।

उन्होंने ऐसी इंडस्ट्री पर पैर जमाने की कोशिश की जिस की उन्हे कोई नॉलेज नही थी जिसका नतिजा यह हुआ की उन्हे नुकसान का समना करना पढ़ा। इसके अलावा जिसे एक चीज ने अनिल अंबानी को सही माने में बर्बाद किया वो था उनका बिना सोचे समझे लोन लेना दरहसल जिस समय अनिल अंबानी का डॉउन फॉल शुरू हुआ था तब कंपनी को लॉस से बाहर निकलने के लिए उन्होंने बडे- बड़े लोन लेना भी शुरू कर दिया था साथ ही नए बिजनेस में एंटर करने के लिए उन्होने बहुत बार लोन उटाए थे, अब ऐसे में जब उनके बिजनेस में लोन का पैसा लगाने के बाद भी नही चल पाए तो फिर उनके द्वारा लिये गए लोन डिफॉल्ट होने लगे और फिर देखते ही देखते उनके उपर हजारों करोड़ रूपये का कर्जा हो गया था।

आपको जानकर हैरानी होगी की इस लोन की वजह से अनिल अंबानी पर 7 बिलियन डॉलर का कर्जा था और 2019 के दौरान तो एरिक्सन कंपनी की 80 मिलियन डॉलर ना चुकाने के जुर्म में उन्हे जेल भी होने वाली थी लेकिन तब बड़े भाई मुकेश अंबानी ने यह 80 मिलियन का कर्ज चुका कर जेल जाने से बचा लिया था। अब इस समय की बात करे तो आज अनिल अंबानी की ज्यादा तर कंपनीया या तो बर्बाद होकर बंद हो चुकी है या फिर वो अपना कर्जा चुकाने के लिए उन्हे बेच चुके है साथ ही उनके उपर चाइनीस कंपनियों का भी कर्जा है जिसके लिए लंदन की एक कोर्ट में उनके उपर केस भी चल रहा है।

अनिल अंबानी की जीवनी से क्या सीख मिली

अगर आपके मन में कुछ करने की इच्छा है तो आप कुछ भी कर सकते है जैसे अनिल अंबानी को लाइम लाइट में रहना पसंद था और उन्होने नई इंडस्ट्री मे कदम रखा और आगे बढ़ते चले गए। डॉउन फॉल की बात करे तो वह कभी भी और किसी भी समय आ सकता है। लेकिन उन्होने काफी अच्छी तरह से अपने बिजनेस को आगे बढ़ाया। तो इससे यह सीख मिलती है की असफलताओं के बावजूद हमे अपने लक्ष्य की और बढ़ते रहना चाहिए।

Subscribe Newsletter
Submit your email address to receive the latest updates on news & host of opportunities
Entrepreneur Magazine

For hassle free instant subscription, just give your number and email id and our customer care agent will get in touch with you

or Click here to Subscribe Online

Newsletter Signup

Share your email address to get latest update from the industry