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महामारी के बाद मदाम के कारोबार ने पकड़ी रफ्तार

Sanjeev Kumar Jha
Sanjeev Kumar Jha May 13 2022 - 4 min read
महामारी के बाद मदाम के कारोबार ने पकड़ी रफ्तार
देश के अग्रणी वेस्टर्न फैशन ब्रांड मदाम ने महामारी के बीच भी विकास दर को बाधित नहीं होने दिया। चालू वित्त वर्ष के अंत तक अपने स्टोर्स की संख्या 185 पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

देश के सबसे बड़े वेस्टर्नवियर फैशन ब्रांड्स में एक मदाम ने कोरोना महामारी के दौरान भी कारोबार को बहुत अधिक प्रभावित और विकास को बाधित नहीं होने दिया है। इस लोकप्रिय ब्रांड का संचालन करने वाले जैन अमर ग्रुप का कहना है कि चालू वित्त वर्ष के अंत यानी अगले वर्ष मार्च तक वह देशभर में अपने स्टोर्स की संख्या 185 पर पहुंचाएगी।

कोरोना महामारी के विभिन्न चरणोें को रोकने के लिए समय-समय पर लगाए गए लॉकडाउन की कुछ महीने पहले पूरी समाप्ति के बाद से इस ब्रांड ने बेहद उत्साहजनक गति से विकास किया है। हालांकि वर्ष 2020 में कोरोना जब चरम पर था तो कंपनी को अपनी सभी स्पर्धियों की तरह थोड़ा संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि कंपनी को अपना परिचालन ऑनलाइन माध्यम तक सीमित रखना था।

वर्ष 1993 में कारोबार की शुरुआत और वर्ष 2002 में पहला एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट खोलनेे वाले ग्रुप के अनुसार बीते वर्ष की तीसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर, 2021 की शुरुआत यानी पिछले वर्ष जुलाई के बाद से उसकी विकास दर वापस पटरी पर लौटी है। बीते इन 10 महीनों में मदाम ने उत्साहजनक विकास दर का प्रदर्शन किया है और बाजार हिस्सेदारी तेजी से हासिल कर रहा है।

त्वरित फैसलों से हो रहा विकास

इस तेज विकास दर का श्रेय एक हद तक कंपनी प्रबंधन के त्वरित एवं रचनात्मक फैसलों को भी जाता है। हम सब जानते हैं कि कोरोना संकट के दौर में अधिकतर कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने की अनुमति दे दी थी। बहुत सी कंपनियों के लिए तो यही व्यवस्था अभी लागू है, कुछ ने इसे अगले आदेश तक के लिए और कई कंपनियों ने तो अपने कुछ कर्मचारियों को हमेशा-हमेशा के लिए वर्क फ्रॉम होम मोड चुनने की सुविधा दे दी है।

इसे देखते हुए कंपनी ने मदाम ब्रांड के तहत वैसे प्रोडक्ट पेश किए, जो वर्क फ्रॉम होम की इस नई सामान्य अवस्था के लिए उपयुक्त थे। कंपनी के अनुसार अपनी स्थापना के समय से ही वह इस ब्रांड के तहत भारतीय ग्राहकों की विस्तृत व नित नई उभरती मांग को पूरा करने की दिशा में काम करती रही है।

मदाम ने हाल ही में हैंडबैैग व सनग्लास यानी धूप के चश्मों जैसी एक्सेसरीज के क्षेत्र में कदम रखा है। कंपनी के अनुसार हाल के दिनों में इस सेग्मेंट का विकास बेहद उत्साहवर्धक रहा है। इसे देखते हुए मदाम इस सेग्मेंट के विकास और विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

इसके साथ ही कंपनी ई-कॉमर्स की तेजी से बढ़ती दुनिया में भी अपनी बड़ी हिस्सेदारी लेने की दिशा में काम शुरू कर रही है। कंपनी ने कहा है कि उसने डिजिटल क्षेत्र में दमदार उपस्थिति पर काम आगे बढ़ाया है। इसके लिए कंपनी डिजिटल मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग का भी सहारा ले रही है। कंपनी ने हाल ही में ग्लैमली डॉट कॉम नाम से एक्सक्लूसिव ऑनलाइन स्टोर शुरू किया है और इसे मजबूती देने की कोशिशों में जुट गई है।

छोटे शहरों से बड़ी उम्मीदें

मदाम जैसे लोकप्रिय ब्रांड को लेकर अपनी योजनाओं के बारे में जैन अमर ग्रुप के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अखिल जैन का कहना था कि ग्रुप इस ब्रांड को लेकर अपनी विस्तार योजनाओं को आक्रामक रूप से आगे बढ़ा रहा है। ग्रुप छोटे और मझोले शहरों को प्रमुखता से लक्षित कर रहा है। इसकी वजह यह है कि दूसरे व तीसरे दर्जे के शहरों से इस ब्रांड के कुल कारोबार का 40 प्रतिशत हिस्सा हासिल करने का लक्ष्य है। वहीं, कारोबार का 60 प्रतिशत हिस्सा मेट्रो शहरों से ही हासिल होगा।

जैन के अनुसार कंपनी अपने समर्पित ग्राहकों को स्पर्धी दाम पर उत्पाद मुहैया कराने के लिए सभी प्रयास कर रही है। पिछले कुछ समय के दौरान लागत मूल्य में तेज बढ़ोतरी होने के बावजूद मदाम ने प्रोडक्ट्स के दाम उस अनुपात में नहीं बढ़ाए हैं। इतना ही नहीं, कंपनी ने हमेशा यह कोशिश की है कि उसके प्रोडक्ट भारतीय बाजार में बिक रहे अपनी कैटेगरी के अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के मुकाबले कम से कम आठ प्रतिशत सस्ते हों।

मदाम के प्रोडक्ट इस समय देशभर में 140 से अधिक प्वाइंट ऑफ सेल्स यानी पीओएस पर उपलब्ध हैं। कंपनी इस संख्या को इस वर्ष के अंत तक 800 से अधिक पर पहुंचाना चाह रही है। इसके साथ ही कंपनी चालू वित्त वर्ष के अंत यानी अगलेे वर्ष मार्च तक मदाम के एक्सक्लूसिव ब्रांड स्टोर की संख्या 185 पर पहुंचाने का लक्ष्य रख रही है।

पर्यावरण संरक्षण का भी लक्ष्य

पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मदाम ने हाल के दिनों में कई कदम उठाए हैं। कंपनी का कहना है कि फैशन में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए वह पिछले कुछ समय से हर वर्ष इको-वियर फैशन रेंज पेश कर रही है। इस रेंज के प्रोडक्ट बायो-डिग्रेडेबल कपास-आधारित फैब्रिक से बने होते हैं। बायो-डिग्रेडेबल का मतलब यह है पूरी तरह उपयोग कर लेने के बाद अगर इन्हें फेंक भी दिया जाए, तो यह जमीन में विघटित हो जाते, टूटकर घुल-मिल जाते हैं।

ग्रुप अपने इस ब्रांड की मांग में आने वाले दिनों में कोविड-पूर्व स्तर के मुकाबले कम से कम 38 प्रतिशत बढ़ोतरी का लक्ष्य रख रहा है। इस गर्मी के मौसम में ब्रांड को ग्राहकों की तरफ से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।

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